अजब गजब: राजस्थान के इस गांव से रातों-रात गायब हुए लोग, देखते ही देखते खंडहर में हुआ तब्दील, रहस्य से भरपूर है इसका इतिहास

  • राजस्थान में स्थित है यह गांव
  • एक समय पर हुआ करता था मशहूर
  • जानिए इस गांव से जुड़े रहस्य के बारे में

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-01 16:46 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। दुनिया में कई जगह अपने रहस्यों को लेकर चर्चा में रहती है। भारत की बात करें तो यहां के प्राचीन महल आज भी कई तरह के रहस्यों के लिए जाने जाते हैं। राजस्थान की बात करें तो यहां पर सैकड़ो-हजारों साल पुराने महल, पैलेस और फोर्ट्स की दुनिया में अलग ही पहचान है। इस वजह से यहां सालभर में लाखों ट्यूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं। जैसलमेर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर पर स्थित कुलधरा गांव में एक ऐसी रहस्यमी जगह मौजूद है। जिसके बारे में सुनकर लोगों के पसीने छूटने लग जाते हैं।

जैसलमेर के पास है यह गांव 

एक समय पहले कभी राजस्थान में कुलधरा गांव जैसलमेर का सबसे प्रसिद्ध नगर में से एक माना जाता था। लेकिन, आज के समय यह जगह खंडहरों में तब्दिल हो चुकी है। इस गांव को देखने के लिए सात समुंदर पार से ट्यूरिस्ट यहां आया करते थे। मगर, वर्तमान में इस सुंदर गांव की स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है। इस जगह पर सन्नाटा पसरा रहता है। कुलधरा गांव का इतिहास जैसलमेर जितना ही पुराना है। आइए जानते है आखिर अचानक से इस नगर की सुंदरता में ग्रहण कैसे पड़ता चला गया।

इस स्थान को लेकर लोगो से अलग-अलग जानकारी मिलती है। कुलधरा गांव के बारे में बताया जाता है कि यहां रात होने पर सन्नाटा छा जाता है। दरअसलस, ऐसा होने के पीछे का एक मुख्य कारण है। कहा जाता है कि यहां पर सालिम सिंह नाम का एक जमीनदार हुआ करता था। जो गांव के लोगों से गलत तरीके से ब्याज की वसूली करता था। इसके बाद उन लोगों की महिलाओं और बेटियों को गंदी नजर से देखता था। गांव में कई लोगों ने जमीनदार के इस रवैया का विरोध भी किया था । लेकिन, इसके बावजूद वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। इसके बाद पूरा गांव मुखिया समेत खाली हो गया।

इस वजह से हुआ बर्बाद 

गांव के इतिहास को लेकर स्थानीय नागरिक नंद किशोर शर्मा ने मीडिया से बातचीत में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि कुलधरा गांव से जुड़ी एक अलग कहानी प्रचलित है। इस गांव के सुनसान होने के पीछे एक अलग रहस्य है। गांव वालों से कर की वसूली के नाम पर सालिम सिंह पालीवालो का शोषण करता था। इस बात से परेशान होकर ब्राह्मण पालीवाल ने एक साथ आने की योजना बनाई। जब गांव में डाकुओं की दहशत तेजी से फैलने लगी। तब ग्रामीणों ने अपनी सुरक्षा और समृद्धि की परवाह करते हुए गांव छोड़ने का फैसला किया। इस गांव के खाली होने के पीछे सालिम सिंह भी मुख्य कारण रहा है। इस लिए इतिहास में आज भी उसे दोषी माना जाता है।

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